नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अगस्त 2025 से यूपीआई (UPI) यूजर्स के लिए कुछ नए नियम लागू करने की घोषणा की है। ये बदलाव तकनीकी रूप से मामूली लग सकते हैं, लेकिन इनका असर उन करोड़ों भारतीयों पर पड़ेगा जो हर दिन गूगल पे, फोन पे, पेटीएम और अन्य UPI प्लेटफॉर्म्स के जरिए लेनदेन करते हैं। NPCI का यह कदम UPI नेटवर्क को ज्यादा सुरक्षित, स्थिर और यूजर-फ्रेंडली बनाने के मकसद से उठाया गया है।
आइए जानते हैं इन नए नियमों में क्या बदलाव हुआ है और कैसे ये आपकी डिजिटल भुगतान आदतों को प्रभावित करेंगे।
✅ 1. ट्रांजेक्शन स्टेटस की जांच अब होगी रियल-टाइम में
अब तक UPI पेमेंट फेल होने या पेंडिंग पर जाने की स्थिति में यूजर्स को इंतजार करना पड़ता था, कई बार तो 2 से 3 दिन लग जाते थे पेमेंट क्लियर या रिफंड होने में। लेकिन अब नए नियमों के तहत ट्रांजेक्शन स्टेटस की जांच तुरंत हो सकेगी। NPCI की ओर से इंटीग्रेट किए गए रियल-टाइम स्टेटस API से UPI ऐप्स कुछ ही सेकेंड्स में फेल या पेंडिंग पेमेंट्स की स्थिति क्लियर कर सकेंगी। इससे यूजर्स को अनावश्यक तनाव नहीं होगा और पारदर्शिता बनी रहेगी।
✅ 2. अकाउंट लिंक करने के नियम होंगे सख्त
अब अगर आप अपने UPI ऐप में नया बैंक खाता लिंक करना चाहते हैं, तो आपको पहले से ज्यादा जानकारी और सुरक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। यह कदम फ्रॉड और स्पूफिंग जैसे बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है। अब नया अकाउंट जोड़ने के लिए बैंक वेरिफिकेशन के दौरान अतिरिक्त प्रमाण या डेटा की मांग की जा सकती है।
✅ 3. बैलेंस चेकिंग पर लगेगी लिमिट
NPCI ने UPI के तहत हर दिन बार-बार की जाने वाली बैलेंस चेकिंग पर लिमिट लगाने का फैसला किया है। इसका मकसद सिस्टम ओवरलोडिंग को रोकना और गलत इस्तेमाल को नियंत्रित करना है। अब यूजर्स एक निश्चित संख्या में ही अपने बैंक बैलेंस को चेक कर सकेंगे। यह संख्या हर बैंक और ऐप के अनुसार अलग हो सकती है, लेकिन नियम सभी पर लागू होंगे।
✅ 4. ऑटोपे और API रिक्वेस्ट पर भी लगेंगी सीमाएं
अब से NPCI की गाइडलाइन के अनुसार, UPI से जुड़े ऑटोपे (AutoPay) फीचर्स और API रिक्वेस्ट्स को भी नियंत्रित किया जाएगा। मसलन, अगर कोई ऐप बार-बार API के जरिए नेटवर्क से बैलेंस या स्टेटस की जानकारी खींच रहा है, तो उस पर सीमा तय कर दी जाएगी। इससे सिस्टम पर लोड कम होगा और नेटवर्क स्मूथ चलेगा।
📱 आपको क्या करना चाहिए?
-
अगर आप Google Pay, PhonePe, Paytm या किसी भी UPI ऐप के यूजर हैं तो इन बदलावों को ध्यान से पढ़ें।
-
ज्यादा बार बैलेंस चेक करने या एक ही दिन में बार-बार पेमेंट करने की आदत से बचें।
-
नया खाता जोड़ते समय सभी जरूरी दस्तावेज और बैंक जानकारी तैयार रखें।
-
अगर कोई पेमेंट फेल हो रहा है तो अब घबराने की जरूरत नहीं, कुछ सेकेंड में उसका स्टेटस अपडेट मिल जाएगा।
सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में एक बड़ा कदम
NPCI का यह फैसला दर्शाता है कि भारत डिजिटल भुगतान की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अब समय आ गया है कि यूजर्स भी अपनी आदतों को थोड़ा पेशेवर बनाएं। UPI को तेज, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना अब सभी की जिम्मेदारी है।
1 अगस्त 2025 से लागू हो रहे ये नए नियम आपके डिजिटल ट्रांजेक्शन अनुभव को और बेहतर बनाएंगे।